Facing issue in account approval? email us at info@ipt.pw

Click to Ckeck Our - FREE SEO TOOLS

1
‘बालगोबिन भगत’ पाठ के लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी’ हैं। बालगोबिन भगत पाठ का मुख्य पात्र है। बालगोबिन भगत का चरित्र-चित्रण निम्नलिखित शीर्षकों के अंतर्गत किया गया है:
परिचय-बालगोबिन भगत गृहस्थी होते हुए भी स्वभाव से साधु थे। उनकी आयु साठ वर्ष से ऊपर थी। उनकी पत्नी नहीं थी। परिवार में एक बीमार बेटा तथा उसकी पत्नी थी।
व्यक्तित्व-बालगोबिन भगत मंझोले कद के व्यक्ति थे। उनका रंग गोरा था। बाल सफेद थे। वे लंबी दाढ़ी नहीं रखते थे। उनके चेहरे पर सफेद बालों के कारण बहुत तेज लगता था।
वेशभूषा-बालगोबिन भगत बहुत कम कपड़े पहनते थे। उनके अनुसार शरीर पर उतने ही कपड़े पहनने चाहिएं जितने शरीर पर आवश्यक हों। कमर पर एक लंगोटी पहनते थे। सिर पर कनफटी टोपी पहनते थे। सर्दियों में वे काली कंबली ओढ़ते थे। मस्तक पर रामानंदी चंदन का टीका होता था। वह टीका नाक से शुरू होकर ऊपर तक जाता था। गले में की जड़ों की एक बेडौल माला होती थी।
व्यवसाय- बालगोबिन भगत का काम खेती-बाड़ी था। वे एक किसान थे। वे अपने खेत में धान की फसल उगाते थे।
कबीर के भगत-बालगोबिन भगत गृहस्थी होते हुए भी साधु थे। उन्होंने अपने जीवन में कबीर जी का जीवन वृत्त उतार रखा था। वे कबीर जी को अपना साहब मानते थे। उनकी शिक्षाओं पर अमल करते थे। उनके अनुसार उनका जो कुछ है वह सब साहब (कबीर जी) की देन है।
Loading...

Comments

Who Upvoted this Story